हर किस्से का अंत
एक- सा क्यों होता है ??
आज ही तो खुला था वो किस्सा,,,
जिसके आखिरी पन्ने तक
पहुँचते पहुँचते
कोफ़्त होने लगी थी
खुद के पढ़ा लिखा होने पर.…
ध्यान कंहा रहता है ??
रह-रह कर याद करने लगती हूँ.…
शुरुआत किस तरह हुई ?
No comments:
Post a Comment